मौलाना ने कहा, वे हिंदू साथियों के घर भी जाते हैं, तो अपने धर्म का आचरण की कहते हैं
बरेली। इत्तेहादे ए मिल्लते कौंसिल (आईएमसी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना तौकीर रजा ने एक चैनल की डिबेट के दौरान गायत्री मंत्र को पढ़कर सद्भावना का संदेश दिया। मौलाना ने कहा कि वह हिंदू साथियों के यहां भी जाते हैं तो उनसे उनके धर्म के अनुसार आचरण करने के लिए कहते हैं। उन्होंने कहा कि शिनाख्त छिपाना गलत है।
मौलाना तौकीर रजा से मोबाइल पर कॉल करके पूछा गया तो उन्होंने कहा कि देश में हिंदू अपनी शिनाख्त टीका लगाते हुए अपनी पूरी धार्मिक आजादी के साथ रहे और मुसलमान कलमा पढ़कर व आयत पढ़कर अपनी धार्मिक लिबास में आजादी के साथ रहे। इसके बाद दोनों में मित्रता रहे, यह हमारे हिंदुस्तान की तहजीब है। अपनी शिनाख्त छिपाकर किसी को नहीं रहना चाहिए। इसी के अंतर्गत सभी को आचरण करना चाहिए।
बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार होने के मामले में मौलाना तौकीर रजा ने कहा कि वहां पर सरकार का तख्ता पलट होने की वजह से पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के समर्थकों पर वहां जुल्म किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वहां हिंदू होने की वजह से जुल्म किया जा रहा है तो बिल्कुल गलत है। इसके लिए हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बांग्लादेश के हुक्मरानों से बात करके उनके हितों की रक्षा करानी चाहिए।
सरकार अनुमति दे, तो बांग्लादेश जाने को तैयार
मौलाना ने अजमेर शरीफ दरगाह पर सर्वे पर दिया था बयान
अजमेर स्थित ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह का सर्वे कराने को लेकर वाद दायर किया गया है। इसे लेकर मुस्लिमों में रोष व्याप्त है। आईएमसी प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खान ने अजमेर जाने से पहले इसे षड्यंत्र बताया था। मौलाना तौकीर रजा खान ने कहा कि सुनियोजित षड्यंत्र के अंतर्गत मस्जिदों, मदरसों मजारों पर दावे करके मुसलमानों को परेशान किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि 800 साल से स्थापित दरगाह अजमेर शरीफ पर मंदिर का दावा करना षड्यंत्र की ओर इशारा कर रहा है। इससे देश में नफरत का माहौल बनाकर मुसलमानों को कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है।
देश को कमजोर करने वाले वफादार नहीं हो सकते
मौलाना ने कहा कि किसी भी धर्म या जाति को कमजोर करने का मतलब है कि देश कमजोर करना। देश को कमजोर करने वाला देश का वफादार नहीं हो सकता है। आईएमसी के मीडिया प्रभारी मुनीर इदरीसी ने कहा कि अजमेर शरीफ गरीब नवाज दरगाह पर कोर्ट में दायर याचिका के बाद मुसलमानों में गुस्सा और बेचैनी है।