पुलिस रेस्पांस व्हीकल (पीआरवी) पर तैनात दो दारोगा समेत आठ पुलिसकर्मी ड्यूटी के दौरान सोते मिले। पीआरवी प्रभारी की जांच रिपोर्ट के बाद एसएसपी ने सभी को निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश दिए हैं।
वाहनों में लगे जीपीएस सिस्टम द्वारा सभी को रंगेहाथ पकड़ा गया है। बताया जाता है कि पिछले काफी दिनों से उक्त पुलिसकर्मी रूट से दूसरे स्थान पर वाहन लगाकर नींद ले रहे थे।
पीआरवी पर तैनात पुलिसकर्मी लखनऊ से आने वाली कॉल रिसीव नहीं कर रहे थे, जिस पर लखनऊ कंट्रोल रूम से जवाब मांगा गया। उसके बाद एसएसपी विपिन ताडा ने पीआरवी प्रभारी इंस्पेक्टर बलराम को मामले की जांच सौंप दी। इंस्पेक्टर ने इंचौली, लालकुर्ती, फलावदा और गंगानगर थाना क्षेत्र में खड़ी होने वाली पीआरवी में लगे जीपीएस सिस्टम से मामले की जांच की।
पड़ताल में सामने आया कि तय रूट पर कोई भी पीआरवी खड़ी नहीं मिली। तब शनिवार की रात को इंस्पेक्टर बलराम ने टीम के साथ सभी पीआरवी की जांच की। इंचौली में की पीआरवी पर तैनात दारोगा सत्यप्रकाश ओर हेडकांस्टेबल प्रवीण कुमार रूट से दूसरे स्थान पर गाड़ी खड़ी कर नींद ले रहे थे। उसके बाद लालकुर्ती थाना क्षेत्र की पीआरवी पर तैनात दारोगा अर्जुन सिंह, हेड कांस्टेबल खुर्शीद और महिला कांस्टेबल रेखा भी गाड़ी के अंदर ही नींद लेते हुए मिले। उसके बाद जांच टीम गंगानगर पहुंची। यहां पर पीआरवी पर तैनात हेड कांस्टेबल रियाज अली सो रहे थे।
उसके बाद फलावदा स्थित पीआरपी पर तैनात हेड कांस्टेबल सुखपाल और कांस्टेबल विशाल चौधरी भी नींद लेते मिले। इंस्पेक्टर बलराम की तरफ से सभी के खिलाफ जीडी में तस्करा डाला गया। उसके बाद एसएसपी को मामले की रिपोर्ट भेजी गई। एसएसपी ने सभी आठ पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश दिए है।  एसएसपी विपिन ताडा ने बताया कि आरोपित पुलिसकर्मियों की लापरवाही उजागर हुई है। उन्हें निलंबन कर विभागीय कार्रवाई की जा रही है।
हाल ही में परीक्षितगढ़ पीआरवी पर तैनात पुलिसकर्मी गिरोह बनाकर वसूली कर रहे थे। कप्तान ने जांच के बाद करने वाले पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया। बाद में उनके खिलाफ सिविल लाइंस थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। यह पुलिसकर्मी खुद कंट्रोल रूम में झूठी काल करते थे और फिर वसूली के बाद खुद ही कंपलेंट को क्लोज भी करा देते थे। लखनऊ से मिली शिकायत पर ही यह कार्रवाई की गई।