प्रयागराज महाकुंभ से लौटे देहरादून के श्रद्धालुओं का कहना है कि महाकुंभ में भगदड़ के नाम पर कुछ ज्यादा ही अफवाह फैलाई जा रही है। जो घटना हुई उसके कुछ ही समय बाद पुलिस-प्रशासन ने स्थिति सामान्य कर दी थी। इसके बाद कोई भी बिना किसी भय के स्नान और दर्शन करने जा रहा था। हम भी बिना किसी भय से स्नान कर लौटे हैं।
सहारनपुर चौक स्थित श्री पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर के पंडित आशीष उनियाल ने बताया कि वह बीते सात जनवरी को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी महाराज के साथ प्रयागराज महाकुंभ गए थे। गुरुवार देर रात को दून पहुंचे। वहां पर सभी कुछ बेहतर चल रहा था।
29 जनवरी को भगदड़ हुई हालांकि इसके बाद पुलिस-प्रशासन ने मोर्चा संभाला और स्थिति सामान्य हो गई। लेकिन कुछ लोग इंटरनेट मीडिया के माध्यम से भी इस भगदड़ से श्रद्धालुओं में भय जैसी बात बता रहे हैं। जबकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है।
20 से अधिक लोगों का जत्था देहरादून से 27 जनवरी को महाकुंभ गया और स्नान के बाद गुरुवार देर रात वापस पहुंचा। महाकुंभ से लौटे लक्खीबाग निवासी रजनीश यादव ने बताया कि 29 जनवरी को जिस जगह पर भगदड़ हुई उसके अलावा सभी जगह व्यवस्था बेहतर तरीके से चल रही थी।
जब वे बाहर आए तो तब उन्हें पता चला कि अंदर कहीं भगदड़ हुई। लेकिन बाहर आते ही जैसे मोबाइल फोन खोला तो फेसबुक पर इस भगदड़ को कुछ ज्यादा ही दिखाया गया। लोग भी बाहर ऐसी बात बताने लग गए जो कुछ अंदर था भी नहीं।
कोई पूरा प्रयागराज में भगदड़ की बात कहता तो कई यह भी कहते रहे कि एक दो दिन बाद और ज्यादा भगदड़ होगी। प्रयागराज के जिस क्षेत्र में भगदड़ हुई उसमें जान गंवाने वालों के प्रति श्रद्धांजलि और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। लेकिन जैसा बाहर बढ़ा-चढ़कर बताया जा रहा है प्रयागराज महाकुंभ में वैसा बिल्कुल भी नहीं है।
झंडा बाजार निवासी राजकुमार गर्ग ने बताया कि मन में भगवान का नाम लिए लोग आ रहे हैं और स्नान कर वापस लौट रहे हैं। स्थानीय लोग भी वहां पर मदद कर रहे हैं। पुलिस के लोग रास्ता बताने के साथ ही बुजुर्गों का हाथ पकड़कर आगे बढ़ा रहे हैं।