बदलाव के दौर से गुजर रहा भारत, परंपरा और भविष्य दोनों पर नजरः जयशंकर
नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि भारत इस समय बदलाव के दौर से गुजर रहा है। एक तरफ यह अपनी परंपराओं को लेकर प्रतिबद्ध बना हुआ है, तो दूसरी तरफ भविष्य की ओर देखने के लिए तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है।
उरी और बालाकोट से दुश्मन को मिला साफ संदेश
जयशंकर ने कहा कि आज हम आतंकवाद का जिस तरह से जवाब दे रहे हैं, उसे देखिए। एक देश जिसने 26/11 जैसे बड़े आतंकी हमले का भी जवाब नहीं दिया, वह आज उरी और बालाकोट में कार्रवाई के जरिये स्पष्ट संदेश दे रहा है।
राजनयिक से राजनेता बने जयशंकर को एक निजी चैनल द्वारा आयोजित इंडियन आफ द इयर कार्यक्रम में इंडिया फर्स्ट पुरस्कार प्रदान किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा कि यह विदेश मंत्री बनने का अच्छा समय है।
देश का चेहरा बनना सौभाग्य की बात
- जयशंकर ने आगे कहा कि भारत इस समय वैश्विक विमर्श को आकार दे रहा है और चीन के साथ सीमाओं पर चुनौतियों का दृढ़ संकल्प के साथ सामना कर रहा है। ऐसे समय में विदेश में देश का चेहरा बनना सौभाग्य की बात है।
- उन्होंने कहा कि आज हमारे पास चयन के लिए पहले से कहीं ज्यादा प्रतिनिधि हैं। भारत के हर हिस्से में जीवन के हर क्षेत्र में समान अवसर है। यह सफलता कोई अभिजात्य या महानगरीय चीज नहीं है।
विदेश मंत्री ने कहा, क्वाड को आगे बढ़ाने का श्रेय ट्रंप को
अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जिस तरह से पारंपरिक नीतियों को तोड़ने की कोशिश में है, क्वाड संगठन को उनके समर्थन को लेकर आशंका जताई जा रही है। लेकिन विदेश मंत्री एस. जयशंकर इन आशंकाओं को निर्मूल मानते हैं और कहते हैं कि ट्रंप जब पहली बार राष्ट्रपति बने थे, तब क्वाड की शुरुआत विदेश मंत्रालय के अधिकारियों की बैठक के तौर पर हुई थी।
क्वाड को आगे बढ़ाने का श्रेय ट्रंप प्रशासन को ही दिया जाना चाहिए। जयशंकर शुक्रवार को भारत-जापान फोरम में एक चर्चा में हिस्सा लेते हुए क्वाड पर अपना विचार रख रहे थे। उन्होंने कहा कि क्वाड की शुरुआत ट्रंप प्रशासन के दौर में ही हुई थी। ट्रंप प्रशासन के पहले वर्ष में पहली बार क्वाड देशों के उप-विदेश मंत्रियों की बैठक हुई थी।