लगातार घाटे में चल रहे परिवहन निगम की मुख्यमंत्री धामी ने खुद समीक्षा की और सुधार की जिम्मेदारी ली

परिवहन निगम 20 साल में पहली बार घाटे से उबरकर 56 करोड़ रुपये के मुनाफे में पहुंच गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे गुड गवर्नेंस का बेजोड़ उदाहरण करार दिया है। निगम अब मैदानी के साथ ही पर्वतीय मार्गों पर भी रोडवेज बस सेवा में बड़ा बदलाव करने जा रहा है।
राज्य स्थापना के करीब तीन साल बाद 2003 में यूपी से अलग होकर उत्तराखंड परिवहन निगम अस्तित्व में आया। इस दौरान रोडवेज के हिस्से यूपी से नई-पुरानी करीब 957 बसें आईं। खटारा बसें, खराब सड़कें, कुप्रबंधन और यूपी की देनदारी से परिवहन निगम लगातार घाटे में चलता गया। कर्मचारियों को वेतन देने के लाले पड़ गए।
मार्च 2020-21 में कोरोनाकाल ने निगम की कमर तोड़ दी। घाटा 2020 से पहले 250 करोड़ से 2022 तक सीधे 520 करोड़ तक पहुंच गया। इसी दौरान सीएम पुष्कर सिंह धामी सरकार ने कमान संभाली। मुख्यमंत्री धामी ने इसकी खुद समीक्षा की और सुधार की जिम्मेदारी ली। नतीजतन 2022 में निगम ने 520 करोड़ के घाटे और सभी खर्चों को पूरा कर रिकॉर्ड 29 करोड़ का मुनाफा कमाया।